शनिवार, 12 सितंबर 2020

जिम्मेदारी पार्ट 2

 जिम्मेदारी पार्ट 2 


आदरणीय आपने जिम्मेदारी पार्ट 1 

https://msrishtey.blogspot.com/2020/09/1.html

 में आपने पढ़ा कि किस प्रकार आज युवा विवाह उपरांत या तो बुजुर्ग माता पिता से दूर सर्विस /व्यवसाय के बहाने से परिवार से दूर अलग ग्रहस्थी बसा लेते हैं या फिर स्वयं माता पिता की सम्पति पर कब्जा कर उन्हें किसी आश्रम या अन्यत्र छोड़ देते है 🤔😇क्या इसी लिए ओलाद पैदा की थी 


समस्या माँ पिता को दूर करने या स्वयं उनकी सम्पति कब्जाने की नही समस्या का मूल कारन है स्वयं उनके माता पिता की लापरवाही या खुद गर्जी का परिणाम उन्हें भोगना पड़ रहा 😇


समस्या का मूल कारण क्या है 👇🏻

समस्या का मूल कारण है लगभग 60 वर्ष पहले भारत मे आजादी के बाद जब एक नया माहौल बनाया गया हर कोई अंग्रेजो से मिली यातनाओं को सुनकर /सहकर दुःखी होते थे तब भविष्य में वैसी यातना /दुख ना सहने पड़े इसके लिये लग्न मेहनत व त्याग की जरूरत महसूस हुई ।।


और उस समय के बच्चो की लगन /मेहनत व उनके परिवारों के द्वारा किये अनेक त्याग के कारन वो बच्चे अच्छी सर्विस करने लगे या अपने व्यवसाय को बढाने /पाने  में जुटे रहे 

भुल गए उन सबको जिनके त्याग और मार्गदर्शन से वो सफलता हासिल कर रहे थे 


अब सर्विस वालो ने ट्रांसफर का बहाना /मजबूरी के चलते परिवारो से दूर रहना शुरू किया 


और व्यवसायियों ने कारोबार की मजबूरियां /जरूरते बताकर अन्यत्र कही जाकर बस गए 


भारत मे उस समय से संगठित परिवार बिखरने शुरू क्या हुए ये सिलसिला बढ़ता ही और आज आप देख रहे है परिवार ने हम दो हमारे दो । 👩‍👩‍👧‍👦

मा पिता और दो बच्चे यानी अगर दोनो बेटी हुई तो शादी के बाद ससुराल चली जायेगी एकेले रह जाएंगे माता पिता  😇


दोनो बेटे हुए तब शादी के बाद अपनी मजबूरियां /जरूरते बताकर या तो स्वयं माता पिता से दूर बस जायेगे या फिर माता पिता को अन्यत्र कही भेज देंगे 


एक बेटा एक बेटी हो तब भी बेटी शादी के बाद ससुराल में और बेटा अपनी सर्विस /व्यवसाय के कारन माता पिता से दूर बस जाएगा 😇


सोचिये क्या एसी का नाम परिवार है  परिवार तो पहले होते से दादा से लेकर पोते तक नाना से लेकर नाती /नातिन तक जिसमे ना तो सदस्यों की संख्या ही तय थी और ना ही कभी कोई एक दूसरे को कभी अलग होने को कहता था सब प्रेम से अपनी जिम्मेदारी को निभाकर खुश रहते थे 🤔 आज माँ बाप ने ओलाद क्या इसी लिए पैदा की थी कि बुढापे में उन्हें स्वयं का सहारा खुद बनना पड़े और वो भी तब जब उनका अपना शरीर थकने लगा हो 😇😇क्या जन्म देना शिक्षा दिलाना और सर्विस /व्यवसाय हेतु बच्चो को दूर भेज देना हु माता पिता की जिम्मेदारी थी 🤔


अगर ये नही तो फिर जिम्मेदारी क्या थी 


आइए जानते है जिम्मेदारी को 

1 जन्म से मरण तक परिवार के संस्कार /भारत की संस्कृति को समझना और इसी अनुसार जीवन जीना 


2 शिक्षा ग्रहण कर सर्विस करे या व्यवसाय अंतर नही पड़ता बशर्ते परिवार के संग रहकर किया जाए विशेषकर घर के बड़े बुजुर्गों के साथ 👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩‍👩‍👧‍👦👩‍👩‍👦‍👦👩‍👩‍👧‍👧


3 जिस भी धर्म मे पैदा हुए है उसी के अनुरुप सदैव सबकी भलाई हेतु प्रयास करना  🙏🏻


4 आपकी स्थितियों /परिस्थितियों की परवाह नही कर क्योकि ये स्वयं इंसान के द्वारा किये कर्मो अनुसार सदैव बदलती रहती है कल का गरीब आज अमीर हो सकता है और अमीर गरीब हो सकता है ये सब तो नियति का खेल है इसके अलावा अन्य कुछ नही इसलिये स्वयं के बानाये उसूलों पर चले और सदैव सच्चाई /ईमानदारी और पारदर्शीता से कार्यं करे ताकि आपका और आपके अपनो का भविष्य उज्ज्वल हो 😊


अंत मे केवल इतना ही जन्म लिया है तो जिम्मेदारी निभाये  प्रोपर्टी और बैंक बैलेंस बढाने से कुछ नही होगा ये जरूरते तो पूरी कर सकते है किन्तु सदैव इनसे आपका हित नही होगा जरूरत से ज्यादा प्रोपर्टी हो या धन दोनो ही किसी न किसी संकट का कारण बनते है अतः सझग रहे सुरक्षित रहे 


सदैव अपने परिवार /समाज /धर्म और राष्ट्र के हित में प्रयास करे आपका हित सदैव होता रहेगा 


आज के लिये इतना ही बाकी जिम्मेदारी पार्ट 3 में 


धन्यवाद 


ॐ नमो ---//---

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