प्रेम (अपनत्व) क्या है ?
आदरणीय ये तो एक अहसास है अपने (अपनत्व)
होने का जिसमे आप दुसरो के हित मे सदैव त्याग /समर्पण /सेवा को तैयार रहते है इसमे किसी की आयु /जाति/ रंग/रूप आदि रुकावट नही बनते कभी
कुछ लोग प्रेम को प्रेमिका प्रेमी या पति पत्नी तक सीमित नजरिये से देखते है जोकि उचित नही
प्रेम (अपनत्व) के बिना संसार मे जीवन की कल्पना नही की जा सकती कारण इसके बिन तो सब एक दूसरे के शत्रु ही होंगे जिससे किसी का भला कभी नही हुआ नुकसान बार बार हुआ
आपने देखा होगा कुछ लोग आपके जीवन मे अचानक से सोसल मीडिया या धरातल के माध्यम से आये जिनसे आपका परिवारीक /समाजिक कोई सम्बन्ध नही किन्तु वो अपने कार्यो /विचारों के माध्यम से सदैव आपसे प्रेम (अपनत्व ) प्रकट करते रहते है फिर वो दूर रहे या आपके आस /पास इससे अंतर नही पड़ता क्योकि उन्होंने आपके मनमस्तिष्क में अपने प्रेम (अपनत्व) के लिये स्थान बना लिया है
प्रेम (अपनत्व) को समझने के लिये कुछ उदाहरण दिए है पढिये और अमल कीजिये
1 अपनो से प्रेम (
अपनत्व) -
आदरणीय इसी प्रेम (अपनत्व) की भावना से प्रेरित होकर इंसान सदैव अपने परिवार /रिश्तेदार व मित्रो की सेवा /सहयोग कर सबके हित मे लगा रहता है और एक दूसरे से प्रेम (अपनत्व) ही हमे विकास (उन्नति) की और अग्रसर करते रहे है
2 पड़ोसी का पड़ोसी से प्रेम -
आपने देखा होगा आपके आपके आस पास ऐसे बहुत से लोग रहते है जिनसे आपका परिवारिक या जातीय कोई रिश्ता नही किन्तु आपके सुख /दुःख में सदैव आपके साथ खड़े रहते है कारण क्या 🤔कारण केवल इतना वो आपको अपना मानते है आपसे प्रेम (अपनत्व) की भावना रखते है इसलिये सदैव आपके सहयोग को तैयार रहते है
3 घर परिवार से दूर प्रेम (अपनत्व) -
घर /परिवार व पड़ोसियों से दूर अकस्मात दुर्घटना का शिकार पीड़ित महिला/पुरुष या बच्चा कोई भी हो उनकी मदद करने जानते है क्यो आते है क्योंकि इंसानियत रूपी प्रेम (अपनत्व) की भावना उन्हें आपकी मदद हेतु प्रेरित करती है
4 सृष्टि से प्रेम (अपनत्व) -
आदरणीय सदियों से इंसान ने पेड़ /पौधे/पशु /पक्षी व जीव जंतुओं की रक्षा सुरक्षा के लिये सदैव प्रयास किया है हालांकि कुछ जगह डर/लालच या अन्य स्वार्थ वश इंसान इन सबका दुश्मन भी बना और परिणाम स्वरूप खुद का जाने /अनजाने में नुकसान भुगत रहा आपने देखा होगा सुबह के समय पक्षी /पशु /और पेड़ पौधे सदैव इंसान को खुशी /सुख का सन्देश देते है हर कोई अपने कर्म को माध्यम बनाकर संसार मे एक सन्देश देता है प्रेम (अपनत्व ) से बढ़कर कुछ नही पेड़ पौधों से आक्सीजन /पक्षियों से मधुर संगीत /पशुओं से दूध /घी /दही /मक्खन आदि यानी सभी से कुछ न कुछ उपहार इंसान को मिलता है इसलिये सबका रक्षण कर अपना कर्तव्य निभाये तभी आप खुशी /सुख पूर्वक रह पाएंगे
भावार्थ - आपस मे सबसे प्रेम (अपनत्व) रखे सबका साथ दे ताकि हर कोई सुख /शांति से रहे और जीवन मे उन्नति करे
किसी के दूर होने से प्रेम (अपनत्व) खत्म कभी नही होता अतः अपने रिश्तो को संजोकर रखे हमेशा क्योकि इंसान रूपी देह फिर मिले ना मिले कहना सम्भव नही
आज के लिये इतना ही बाकी फिर कभी -------//----------
धन्यवाद
ॐ नमो ---//---
🌸🙏🏻🌸
मार्गदर्शन /लेखक - राधा /महेश
आदरणीय ये तो एक अहसास है अपने (अपनत्व)
कुछ लोग प्रेम को प्रेमिका प्रेमी या पति पत्नी तक सीमित नजरिये से देखते है जोकि उचित नही
प्रेम (अपनत्व) के बिना संसार मे जीवन की कल्पना नही की जा सकती कारण इसके बिन तो सब एक दूसरे के शत्रु ही होंगे जिससे किसी का भला कभी नही हुआ नुकसान बार बार हुआ
आपने देखा होगा कुछ लोग आपके जीवन मे अचानक से सोसल मीडिया या धरातल के माध्यम से आये जिनसे आपका परिवारीक /समाजिक कोई सम्बन्ध नही किन्तु वो अपने कार्यो /विचारों के माध्यम से सदैव आपसे प्रेम (अपनत्व ) प्रकट करते रहते है फिर वो दूर रहे या आपके आस /पास इससे अंतर नही पड़ता क्योकि उन्होंने आपके मनमस्तिष्क में अपने प्रेम (अपनत्व) के लिये स्थान बना लिया है
प्रेम (अपनत्व) को समझने के लिये कुछ उदाहरण दिए है पढिये और अमल कीजिये
1 अपनो से प्रेम (
अपनत्व) -
आदरणीय इसी प्रेम (अपनत्व) की भावना से प्रेरित होकर इंसान सदैव अपने परिवार /रिश्तेदार व मित्रो की सेवा /सहयोग कर सबके हित मे लगा रहता है और एक दूसरे से प्रेम (अपनत्व) ही हमे विकास (उन्नति) की और अग्रसर करते रहे है
2 पड़ोसी का पड़ोसी से प्रेम -
आपने देखा होगा आपके आपके आस पास ऐसे बहुत से लोग रहते है जिनसे आपका परिवारिक या जातीय कोई रिश्ता नही किन्तु आपके सुख /दुःख में सदैव आपके साथ खड़े रहते है कारण क्या 🤔कारण केवल इतना वो आपको अपना मानते है आपसे प्रेम (अपनत्व) की भावना रखते है इसलिये सदैव आपके सहयोग को तैयार रहते है
3 घर परिवार से दूर प्रेम (अपनत्व) -
घर /परिवार व पड़ोसियों से दूर अकस्मात दुर्घटना का शिकार पीड़ित महिला/पुरुष या बच्चा कोई भी हो उनकी मदद करने जानते है क्यो आते है क्योंकि इंसानियत रूपी प्रेम (अपनत्व) की भावना उन्हें आपकी मदद हेतु प्रेरित करती है
4 सृष्टि से प्रेम (अपनत्व) -
आदरणीय सदियों से इंसान ने पेड़ /पौधे/पशु /पक्षी व जीव जंतुओं की रक्षा सुरक्षा के लिये सदैव प्रयास किया है हालांकि कुछ जगह डर/लालच या अन्य स्वार्थ वश इंसान इन सबका दुश्मन भी बना और परिणाम स्वरूप खुद का जाने /अनजाने में नुकसान भुगत रहा आपने देखा होगा सुबह के समय पक्षी /पशु /और पेड़ पौधे सदैव इंसान को खुशी /सुख का सन्देश देते है हर कोई अपने कर्म को माध्यम बनाकर संसार मे एक सन्देश देता है प्रेम (अपनत्व ) से बढ़कर कुछ नही पेड़ पौधों से आक्सीजन /पक्षियों से मधुर संगीत /पशुओं से दूध /घी /दही /मक्खन आदि यानी सभी से कुछ न कुछ उपहार इंसान को मिलता है इसलिये सबका रक्षण कर अपना कर्तव्य निभाये तभी आप खुशी /सुख पूर्वक रह पाएंगे
भावार्थ - आपस मे सबसे प्रेम (अपनत्व) रखे सबका साथ दे ताकि हर कोई सुख /शांति से रहे और जीवन मे उन्नति करे
किसी के दूर होने से प्रेम (अपनत्व) खत्म कभी नही होता अतः अपने रिश्तो को संजोकर रखे हमेशा क्योकि इंसान रूपी देह फिर मिले ना मिले कहना सम्भव नही
आज के लिये इतना ही बाकी फिर कभी -------//----------
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ॐ नमो ---//---
🌸🙏🏻🌸
मार्गदर्शन /लेखक - राधा /महेश
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