क्या प्यार धोखा है ?
जी हां आदरणीय आपने सही पढा आजकल प्यार के नाम पर देश भर में जो चल रहा अधिकांश मामलों में वो धोखा ही है
आदरणीय पहले tv और अब मोबाइल पर जिस प्यार का दिखावा हो रहा ये प्यार नही भृम /धोखा ही है
आपने सुना होगा टीवी मोबाइल के आने से पहले प्यार नही प्रेम किया जाता था सृस्टि में विधमान जीव जंतु व सभी से और प्रेम के वशीभूत सबका रक्षण भी इंसान सदैव करता था
सोच /समझकर हमारी बात पर अमल करें
कहा गया वो परिवारों का आपसी प्रेम 🤔
कहा गए प्रकृति अनमोल जीव /जंतु /पेड़ पौधे है क्या पहले की भांति नही मिलेंगे कहि जानते है क्यो क्योकि अब प्रेम नही प्यार के नाम पर धोखा हो रहा
बॉय फ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड को धोखा दे रहा तो कही गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड के साथ खिलवाड़ कर ठगती जा रही ये सब लव /प्यार का परिणाम है
प्रेम तो पहले हुआ करता था जिसके अनेको उदाहरण समाज मे आज भी सुनने को मिलते है
मीरा का मोहन से
राधा का कृष्ण से
ऐसे और बहुत से नाम है जिनका आप सबने सुना /पढा होगा
क्या अंतर है प्रेम और प्यार में 👇🏻
प्यार सदैव कुछ पाने की लालसा से किया जाता है बेसक जिस्म /धन या अन्य कुछ
जबकि
प्रेम में पाने की लालसा कम और देने (समर्पण) की इच्छा सदैव बलवती रहती है मीरा ने मोहन के प्रेम में भक्तिमार्ग को चुन अपना समय /निजस्वार्थ से ऊपर उठकर श्याम में विलीन हुई यही उनका प्रेम था
राधा ने कृष्ण के प्रेम में अपनी निजस्वार्थ को त्याग सदैव श्री कृष्ण का साथ दिया भले श्री कृष्ण ने जब वृंदावन को छोड़ कंस वध के लिये मथुरा जाना था तब का किसी से सुन लीजिये या श्रीकृष्ण की पटरानी रुक्मणी तो फिर राधा क्यो नही 🤔जबकि प्रेम तो श्रीकृष्ण ने भी राधा से किया
प्रेम त्याग करता है सबकी रक्षा सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है जबकि प्यार (लव)
में ऐसा सम्भव नही
भावार्थ - आप अपने परिवार व प्रकृति से प्रेम कीजिये और अपने युवा बच्चो को प्यार रूपी धोखे से सतर्क रहने में मदद कीजिये ताकि आपके घर परिवार में खुशियां सदैव बनी रहे
ॐ नमो ----//----
मार्गदर्शन /लेखक - चमेली /महेश
जी हां आदरणीय आपने सही पढा आजकल प्यार के नाम पर देश भर में जो चल रहा अधिकांश मामलों में वो धोखा ही है
आदरणीय पहले tv और अब मोबाइल पर जिस प्यार का दिखावा हो रहा ये प्यार नही भृम /धोखा ही है
आपने सुना होगा टीवी मोबाइल के आने से पहले प्यार नही प्रेम किया जाता था सृस्टि में विधमान जीव जंतु व सभी से और प्रेम के वशीभूत सबका रक्षण भी इंसान सदैव करता था
सोच /समझकर हमारी बात पर अमल करें
कहा गया वो परिवारों का आपसी प्रेम 🤔
कहा गए प्रकृति अनमोल जीव /जंतु /पेड़ पौधे है क्या पहले की भांति नही मिलेंगे कहि जानते है क्यो क्योकि अब प्रेम नही प्यार के नाम पर धोखा हो रहा
बॉय फ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड को धोखा दे रहा तो कही गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड के साथ खिलवाड़ कर ठगती जा रही ये सब लव /प्यार का परिणाम है
प्रेम तो पहले हुआ करता था जिसके अनेको उदाहरण समाज मे आज भी सुनने को मिलते है
मीरा का मोहन से
राधा का कृष्ण से
ऐसे और बहुत से नाम है जिनका आप सबने सुना /पढा होगा
क्या अंतर है प्रेम और प्यार में 👇🏻
प्यार सदैव कुछ पाने की लालसा से किया जाता है बेसक जिस्म /धन या अन्य कुछ
जबकि
प्रेम में पाने की लालसा कम और देने (समर्पण) की इच्छा सदैव बलवती रहती है मीरा ने मोहन के प्रेम में भक्तिमार्ग को चुन अपना समय /निजस्वार्थ से ऊपर उठकर श्याम में विलीन हुई यही उनका प्रेम था
राधा ने कृष्ण के प्रेम में अपनी निजस्वार्थ को त्याग सदैव श्री कृष्ण का साथ दिया भले श्री कृष्ण ने जब वृंदावन को छोड़ कंस वध के लिये मथुरा जाना था तब का किसी से सुन लीजिये या श्रीकृष्ण की पटरानी रुक्मणी तो फिर राधा क्यो नही 🤔जबकि प्रेम तो श्रीकृष्ण ने भी राधा से किया
प्रेम त्याग करता है सबकी रक्षा सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है जबकि प्यार (लव)
में ऐसा सम्भव नही
भावार्थ - आप अपने परिवार व प्रकृति से प्रेम कीजिये और अपने युवा बच्चो को प्यार रूपी धोखे से सतर्क रहने में मदद कीजिये ताकि आपके घर परिवार में खुशियां सदैव बनी रहे
ॐ नमो ----//----
मार्गदर्शन /लेखक - चमेली /महेश