दो दोस्तों की चाहत
आदरणीय ये कहानी है दो बच्चों की जिनका इच्छा अपनो से प्रेम /सम्मान व अधिक धन पाना था
दोनो खुद को जीवन मे संघर्ष हेतु तैयार कर आगे बढ़ रहे थे
एक ने डॉक्टरी को लक्ष्य बनाया जिसमे उसके पिता ने सहयोग कर उसे डॉक्टर बना दिया काफी हॉस्पिटल में सेवाएं देकर आज स्वयं का बड़ा हॉस्पिटल अच्छे से चला रहा है इसे गाड़ी /बंगला (महल)/धन जैसी इच्छाएं पूर्ण करने का अवसर मिल चुका
दूसरे की कुछ कारण से पढ़ाई छूट गई उसने व्यवसाय को लक्ष्य बना आगे बढ़ ही रहा था कि उसके जीवन मे आये बढ़े भूचाल ने उसे लक्ष्य से भटका दिया वर्षो के संघर्ष का लाभ मिलने की जगह अब वो नए लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहा उसके जीवन मे गाड़ी /बंगला (महल) /धन का महत्व बेहद कम व जनहित कार्य ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुका
दोस्ती की परीक्षा -
व्यवसायी मित्र के आये भूचाल ने उसे जीवन मरण के बीच ऐसा उलझा दिया कि उसका जिंदा रहना भी मरे समान ही था एक बार तीन दिन तक उसने अन्न जल ग्रहण नही किया जिससे उसके हालात बिगड़ते ही चले गए
हड्डियों तक को कंपाने वाली रात वो मरणासन्न अवस्था मे मृत्यु का इंतजार कर परिवार को रोते देख तो सकता था पर कर कुछ नही सकता ऐसे में उसके पिता को उसके मित्र डॉक्टर का ख्याल आया और रात लगभग 11बजे बुलाने पहुंच गए
डॉक्टर मित्र के पिता ने तुरंत उसे बुलाया और भाई के जीवन रक्षार्थ साथ भेज दिया यहाँ समझने की जरूरत ये की डॉक्टर अपनी नवविवाहिता को रात्रि में अकेला छोड़ अपने भाई (मित्र) को बचाये या नही खैर उसने भाई के जीवन को बचाने का प्रयास करना था इसलिये तुरन्त साथ चल आया
अब व्यवसायी मित्र के रोग से सम्बंधित इलाज को सोचना आवश्यक था और रात्रिं के उस पहर में उसके पास इलाज सम्बंधित दवा व अपने ओजार तक नही 😇ऐसे में उपचार कैसे सम्भव हो ?
अचानक व्यवसायी मित्र के पिता ने डॉक्टर मित्र को कहा अगर उसके (व्यवसायी) डॉक्टर से बात करवा दे तो क्या ये बच पायेगा ?
डॉक्टर ने भी कहा हा बात बन सकती है प्रयास करने में हर्ज ही क्या है दोनो डॉक्टरों की आपस मे बात करवाई गई कॉल पर बताये गए उपचार को डॉक्टर मित्र ने तुरंत कागज पर लिखकर दवा लाने का कहा
व्यवसायी के पिता और भाई ठंड की परवाह ना कर दवा लेने चले गए दवा आने पर डॉक्टर मित्र ने अपने भाई (मित्र) को कुछ घण्टे के लिये बचा भी लिया बाकी का उपचार व्यवसायी के डॉक्टरों ने किया अब वर्षो बीत चुके है पर व्यवसायी अपने भाई (मित्र) के योगदान को भुला नही
दो दोस्त जो कभी एक दूसरे के भाई समान थे आज दोनो के बीच समाजिक / आर्थिक बड़ा अंतर आ चुका
डॉक्टर की चाहत- धन /परिवार/गाड़ी/ शौहरत सब पूरी हो रही परमात्मा उसे जीवन मे अनेक खुशियां व उन्नति प्रदान करे
व्यवसायी की चाहत- अब बदल चुकी धन /गाड़ी /बंगला उसके लिये महत्वपूर्ण नही आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय कर जनहित में प्रयास कर रहा आर्थिक /समाजिक अनेक कारण उसके लक्ष्य के बीच बड़ी रुकावट बने है देखते है परमात्मा उससे और क्या चाहता है
सारांश - आप जिसे भी दोस्त बनाये उससे दूरी कभी मत रखिये कारण दोस्त (मित्र )ही इंसान को आगे बढ़ने की प्रेरणा देकर अपना मित्रधर्म निभाते है बशर्ते आपके मित्र अच्छे ओर समझदार हो
सोचना ये की क्या वो दोनो दोस्त कभी पहले की भांति मिल साथ बैठ पाएंगे कभी 🤔
धन्यवाद
ॐ नमो---//----
आदरणीय ये कहानी है दो बच्चों की जिनका इच्छा अपनो से प्रेम /सम्मान व अधिक धन पाना था
दोनो खुद को जीवन मे संघर्ष हेतु तैयार कर आगे बढ़ रहे थे
एक ने डॉक्टरी को लक्ष्य बनाया जिसमे उसके पिता ने सहयोग कर उसे डॉक्टर बना दिया काफी हॉस्पिटल में सेवाएं देकर आज स्वयं का बड़ा हॉस्पिटल अच्छे से चला रहा है इसे गाड़ी /बंगला (महल)/धन जैसी इच्छाएं पूर्ण करने का अवसर मिल चुका
दूसरे की कुछ कारण से पढ़ाई छूट गई उसने व्यवसाय को लक्ष्य बना आगे बढ़ ही रहा था कि उसके जीवन मे आये बढ़े भूचाल ने उसे लक्ष्य से भटका दिया वर्षो के संघर्ष का लाभ मिलने की जगह अब वो नए लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहा उसके जीवन मे गाड़ी /बंगला (महल) /धन का महत्व बेहद कम व जनहित कार्य ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुका
दोस्ती की परीक्षा -
व्यवसायी मित्र के आये भूचाल ने उसे जीवन मरण के बीच ऐसा उलझा दिया कि उसका जिंदा रहना भी मरे समान ही था एक बार तीन दिन तक उसने अन्न जल ग्रहण नही किया जिससे उसके हालात बिगड़ते ही चले गए
हड्डियों तक को कंपाने वाली रात वो मरणासन्न अवस्था मे मृत्यु का इंतजार कर परिवार को रोते देख तो सकता था पर कर कुछ नही सकता ऐसे में उसके पिता को उसके मित्र डॉक्टर का ख्याल आया और रात लगभग 11बजे बुलाने पहुंच गए
डॉक्टर मित्र के पिता ने तुरंत उसे बुलाया और भाई के जीवन रक्षार्थ साथ भेज दिया यहाँ समझने की जरूरत ये की डॉक्टर अपनी नवविवाहिता को रात्रि में अकेला छोड़ अपने भाई (मित्र) को बचाये या नही खैर उसने भाई के जीवन को बचाने का प्रयास करना था इसलिये तुरन्त साथ चल आया
अब व्यवसायी मित्र के रोग से सम्बंधित इलाज को सोचना आवश्यक था और रात्रिं के उस पहर में उसके पास इलाज सम्बंधित दवा व अपने ओजार तक नही 😇ऐसे में उपचार कैसे सम्भव हो ?
अचानक व्यवसायी मित्र के पिता ने डॉक्टर मित्र को कहा अगर उसके (व्यवसायी) डॉक्टर से बात करवा दे तो क्या ये बच पायेगा ?
डॉक्टर ने भी कहा हा बात बन सकती है प्रयास करने में हर्ज ही क्या है दोनो डॉक्टरों की आपस मे बात करवाई गई कॉल पर बताये गए उपचार को डॉक्टर मित्र ने तुरंत कागज पर लिखकर दवा लाने का कहा
व्यवसायी के पिता और भाई ठंड की परवाह ना कर दवा लेने चले गए दवा आने पर डॉक्टर मित्र ने अपने भाई (मित्र) को कुछ घण्टे के लिये बचा भी लिया बाकी का उपचार व्यवसायी के डॉक्टरों ने किया अब वर्षो बीत चुके है पर व्यवसायी अपने भाई (मित्र) के योगदान को भुला नही
दो दोस्त जो कभी एक दूसरे के भाई समान थे आज दोनो के बीच समाजिक / आर्थिक बड़ा अंतर आ चुका
डॉक्टर की चाहत- धन /परिवार/गाड़ी/ शौहरत सब पूरी हो रही परमात्मा उसे जीवन मे अनेक खुशियां व उन्नति प्रदान करे
व्यवसायी की चाहत- अब बदल चुकी धन /गाड़ी /बंगला उसके लिये महत्वपूर्ण नही आजीवन अविवाहित रहने का निर्णय कर जनहित में प्रयास कर रहा आर्थिक /समाजिक अनेक कारण उसके लक्ष्य के बीच बड़ी रुकावट बने है देखते है परमात्मा उससे और क्या चाहता है
सारांश - आप जिसे भी दोस्त बनाये उससे दूरी कभी मत रखिये कारण दोस्त (मित्र )ही इंसान को आगे बढ़ने की प्रेरणा देकर अपना मित्रधर्म निभाते है बशर्ते आपके मित्र अच्छे ओर समझदार हो
सोचना ये की क्या वो दोनो दोस्त कभी पहले की भांति मिल साथ बैठ पाएंगे कभी 🤔
धन्यवाद
ॐ नमो---//----