आदरणीय आज का विषय है बुजुर्गो को आपसे क्या चाहिये कहने को तो इंसान की इच्छाओं /अपेक्षाओं का अंत नही
किन्तु
हमारा मानना है 60+ की आयु के इंसान के जीवन मे धन संपदा और शौहरत का महत्व उतना नही रह जाता जितना कि जवानी में हुआ करता था
अब जिन बुजुर्गो की आयु 60 वर्ष + हो चुकी है उन्हें हमारे मतानुसार आप सबसे समय /सेवा और सहयोग की अपेक्षा सदैव रहती है कारण इस आयु के बुजर्ग के पास जबतक परिवार एवं मित्र नही होंगे तब वो स्वयं को अकेला /तन्हा महसूस तो करेगा ही साथ ही अपने जीवन के अनुभवों से होने वाले लाभ /हानि किसी से नही बता पाएगा और ऐसी अवस्था मे उनके अनुभवी रूपी कमाई से आप वंचित रह जाएंगे
इसलिये हमारी माने तो अपने परिवार /समाज के बुजुर्गों को समय दीजिये उनसे अपने सुख /दुख बताये ताकि वो आपको सही राह दिखा सके और आप जीवन रहते उनके जैसी गलतियां /भूल नही करे
एक बात कुछ वर्षों से इंसान आपसी से प्रेम /सम्मान से अधिक महत्व धन संपदा को देने तो लगा है दिन रात की मेहनत के बाद हासिल भी कर लेंगे किन्तु क्या आप कमाई धन संपदा का सदुपयोग कर पाएंगे?
शायद नही कारण जवानी है तो धन संपदा नही और जवानी बीत गई तब धन संपदा का महत्व क्या ?
ये बड़े बड़े भवन /बैंको में लाखों करोड़ों बेलेंस किस काम का सोचिये ये काम का तभी तक है जबतक आप या आपका कोई अपना उसका उपयोग कर पाए अन्यथा ये भवन /बेलेंस तो यही रहेंगे किन्तु आप नही होंगे
भावार्थ - धन संपदा खूब कमाओ किन्तु अपने परिवार एवं बुजुर्गो को समय देना मत भूले क्योकि बुजुर्गो के सानिध्य में जो शकुन शांति मिलती है ना वो किसी भी भवन /धन से मिलना सम्भव नही
धन से आप किसी का समय /भवन/वस्तु खरीद तो सकते है किंतु मान सम्मान प्रेम सिर्फ और सिर्फ आपके त्याग /समर्पण और मेहनत से ही मिल सकता है ऐसा हमारा मानना है
आज के लिये इतना ही बाकी फिर कभी
धन्यवाद
ॐ नमो ----//---
🌸🙏🏻🌸
किन्तु
हमारा मानना है 60+ की आयु के इंसान के जीवन मे धन संपदा और शौहरत का महत्व उतना नही रह जाता जितना कि जवानी में हुआ करता था
अब जिन बुजुर्गो की आयु 60 वर्ष + हो चुकी है उन्हें हमारे मतानुसार आप सबसे समय /सेवा और सहयोग की अपेक्षा सदैव रहती है कारण इस आयु के बुजर्ग के पास जबतक परिवार एवं मित्र नही होंगे तब वो स्वयं को अकेला /तन्हा महसूस तो करेगा ही साथ ही अपने जीवन के अनुभवों से होने वाले लाभ /हानि किसी से नही बता पाएगा और ऐसी अवस्था मे उनके अनुभवी रूपी कमाई से आप वंचित रह जाएंगे
इसलिये हमारी माने तो अपने परिवार /समाज के बुजुर्गों को समय दीजिये उनसे अपने सुख /दुख बताये ताकि वो आपको सही राह दिखा सके और आप जीवन रहते उनके जैसी गलतियां /भूल नही करे
एक बात कुछ वर्षों से इंसान आपसी से प्रेम /सम्मान से अधिक महत्व धन संपदा को देने तो लगा है दिन रात की मेहनत के बाद हासिल भी कर लेंगे किन्तु क्या आप कमाई धन संपदा का सदुपयोग कर पाएंगे?
शायद नही कारण जवानी है तो धन संपदा नही और जवानी बीत गई तब धन संपदा का महत्व क्या ?
ये बड़े बड़े भवन /बैंको में लाखों करोड़ों बेलेंस किस काम का सोचिये ये काम का तभी तक है जबतक आप या आपका कोई अपना उसका उपयोग कर पाए अन्यथा ये भवन /बेलेंस तो यही रहेंगे किन्तु आप नही होंगे
भावार्थ - धन संपदा खूब कमाओ किन्तु अपने परिवार एवं बुजुर्गो को समय देना मत भूले क्योकि बुजुर्गो के सानिध्य में जो शकुन शांति मिलती है ना वो किसी भी भवन /धन से मिलना सम्भव नही
धन से आप किसी का समय /भवन/वस्तु खरीद तो सकते है किंतु मान सम्मान प्रेम सिर्फ और सिर्फ आपके त्याग /समर्पण और मेहनत से ही मिल सकता है ऐसा हमारा मानना है
आज के लिये इतना ही बाकी फिर कभी
धन्यवाद
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