सोमवार, 30 दिसंबर 2019

मितुल वर्मा /व्यवसाय/HR-2019

नाम - मितुल वर्मा

गोत्र- सिंघड़िया
मामा गोत्र-खिप्पल

जन्म दिनांक -15/2/1987
जन्म समय- 1.29am
जन्म स्थान - ----हरियाणा

मांगलिक - नही

ऊंचाई - 5'6"

शिक्षा - बी ए प्रभाकर संगीत से

शारीरिक क्षति - दाये


पाँव से आंशिक दिव्यांग

व्यवसाय - ज्वैलरी
आमदनी ------

उपजाति - मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार

वैवाहिक स्थिति - अविवाहित

पता -----हरियाणा

सम्पर्क सूत्र -
                   रिश्तो में सहायक
मैढ़ स्वर्णकार रिश्ते
9034664991
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रविवार, 1 दिसंबर 2019

क्या आप आजाद है ?

क्या आप
आजाद है

आदरणीय इसके लिये समझना होगा कि आजादी क्या है और कैद क्या ?

 जीवन मरण के बन्धनों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति ही सच्ची आजादी है !

संसार मे स्वयं को आजाद दो ही तरह के मानते है एक अघोरी जो जिंदा रहते हुए अपना पिंड दान कर स्वयं को मृत (परमात्मा )मान लेता है दूसरे मृतदेह क्योकि जीवन मे रिश्ते नातो दैनिक जिम्मेदारी से आजाद होकर वो अंतिम यात्रा हेतु इंतजार करती है जो उसे विदा कर आये !

बेड़ियों में जकड़े हुए या जेल में बंद ही कैदी नही होते सही मायने संसार मे दो प्रकार   के कैदी होते है पहले कैदी वो है जो अपने कुविचारों /अनैतिक कर्मो में लिप्त (कैद) तो होते है किंतु उन्हें आभास नही होता अगर आभास होता भी है तो बहुत देर हो जाती है तब तक दूसरे वो कैदी है जो आत्मीय बन्धनों एवं जिम्मेदारीयो में जकड़े रहते है !

हमारे अनुसार आप /हम आज बेसक आजाद भारत के नागरिक है किंतु अभी भी ऐसा बहुत कुछ है जिससे आपको /हमे आजादी नही मिल रही !

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हमारे अनुसार जो व्यक्ति किसी भी कारण कुविचारों /अनैतिक कर्मो में लिप्त है वो उन्हें जितना जल्द त्याग से अच्छा रहेगा कारण  उस एक के कारण पूरा परिवार /रिश्तेदार एवं मित्रगण आये दिन अनावश्यक परेशान होते पाए गए है
उदाहरण : आज एक विवाहित युवक जो काफी समय से नशेड़ी है परिवार के लाख प्रयास के बाद भी सुधर नही रहा उसी के छोटे भाई की मौत भी नशे के कारन बीते महीने पूर्व ही हुई अब बुजुर्ग माँ / पिता कैसे करके घर चला रहे है किंतु वो कमाना तो दूर  अपने नशे की इच्छा हेतु माँ /पिता /बीबी आदि से मारपीट कर पैसे छीन ले जाता है आज उसे एक बार फिर नशामुक्ति वालो के हवाले किया घर मे उसकी पत्नी /माँ /बहने रोती रही पर उसकी सेहत पर तो जैसे कोई असर ही नही हो  इसलिये मेरा आप सबसे केवल इतना ही कहना है अपने कुविचार /अनैतिक कर्मो को त्याग कर परिवार और अपने लिये जीना शुरू करे परिवारिक प्रेम से बढ़कर कोई नशा नही हो सकता है !

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दूसरे कैदी वो है जो परिवारिक जिम्मेदारी एवं अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु दिन रात धन कमाने में लगे तो रहते है पर सन्तुष्टि नही हो पाती उनकी कारण उन्हें लगता है जितना ज्यादा धन उनके पास होगा वो उतना ज्यादा सुख /खुशी हासिल कर पाएंगे किन्तु ऐसा नही है  क्योकि इंसान की इच्छाओं का कोई अंत नही संसार मे सुखी /खुश वो है जिसने सन्तुष्ट होना सीख लिया जरूरी नही आपके पास अन्य की भांति ज्यादा धन हो किन्तु अगर आपके परिवार में प्रेम /एकता आपसी सामंजस्य अगर है तो आप संसार के सबसे धनी /सुखी इंसान हो ऐसा हम मानते है !


भावार्थ : बुराई को त्याग कर सदमार्ग पर चले अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए परमधाम तक कि यात्रा की और अग्रसर हो !
   
            धन्यवाद!!

ॐ नमो---//---
🙏🏻🌹🙏🏻

ससुराल में बेटी कैसे बने?

ससुराल में बेटी कैसे बने?

नवविवाहिता की शिकायत ससुराल में बेटी नही मानते ?

आदरणीय इस पर आप सभी के अलग अलग विचार हो सकते है
किन्तु हमारे विचार से आप पूरा लेख पढ़ने के बाद ही अपनी शिकायत का समाधान जान सकती है -
     विवाह से पूर्व जब आप बेटी थी तब आपका क्या रोल था परिवार में आपका?
सुबह जब आप नींद से उठती या देर तक सोती रहती तब घर के काम चाय ,नाश्ता  और झाड़ू पौंछा आदि सब काम माँ या भाभी कर लेती थी !

दोपहर जब आप स्कूल /कॉलेज से आती तब तक रोटी /सब्जी /कपड़े धुलाई आदि सब माँ या भाभी कर लेती मतलब आप ने आकर भोजन के बाद आराम या पढाई ही कि होगी !

शाम का चाय /नाश्ता या सन्ध्या भोजन आदि के काम भी माँ /भाभी ही करती होगी यानी आप पूरा दिन पढाई /आराम और हंसी ठिगोली में ही लगी रही ये सब इसलिये क्योकि उस वक्त तक आपके कंधों पर परिवारिक जिम्मेदारी नही थी !

अब सोचिये अगर  आपकी माँ /भाभी भी आपकी तरह सोचती करती तब घर के काम कौन करता? अगर वो भी आपकी तरह ही रहने का प्रयास भी अगर करती तो क्या आपको इतना आराम /आजादी मिल पाती शायद नही ,
  विवाह से पूर्व लड़का हो या लड़की माँ /पिता की जिम्मेदारी होते है इसलिये वो आपकी आये दिन गलतियों को नजर अंदाज करते है या फिर कभी कभार हल्का डाँट फटकार कर बात खत्म करते है !

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विवाह के बाद आपके कंधों पर जिम्मेदारी आती है इसलिये अब आपको वो सब काम समय से करने होंगे जो आपके मायके में आपकी माँ या भाभी करती रही है आप अपनी जिम्मेदारियों से मुँह नही मोड़ सकती क्योंकि जिम्मेदारी से डरने/घबराने से लाभ कुछ नही बल्कि परिवारिक कलह ही आये दिन होने लगेगी !

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अब आप ये सोचिये की अगर आपकी माँ घर के काम रोटी /सब्जी /कपड़े धुलाई /झाड़ू पौंछा करती और आपकी भाभी देर तक आराम करती तब क्या आपको अच्छा लगता शायद नही !
या यूं कह लीजिये की आप देर तक सोए या जागे आपको कोई कुछ नही कहे और घर के काम आपकी सास या नन्द करे तब क्या उन्हें आपका देर तक सोना या जिम्मेदारी से मुंह मोड़ना अच्छा लगेगा शायद कभी नही !

इसलिये हमारा आपसे इतना ही कहना है कि आप परिवार के कामो को अपनी जिम्मेदारी मानकर निभाए  फिर देखिये आपके मायके की भांति आपकी ससुराल में भी आप सबकी चहेती /लाडली बेटी  बन जाएगी !

परमात्मा आप सबको सदैव खुश रखे स्वस्थ रखे आप सदैव अपनी जिम्मेदारियों को निभाती रहे !
        धन्यवाद !!

ॐ नमो---//---
🙏🏻🌹🙏🏻

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